एक दिन भगवान विष्णु भ्रमण पर निकले ।
एक दिन भगवान विष्णु भ्रमण पर निकले
वहां 48 - 49 डिग्री की गर्मी से लोग झुलस रहे थे और पसीने में तरबतर अपने पूरे मनोयोग से काम में लगे हुये थे।
भगवान ने बडे ही अचरज से पूछा:-
‘नारद जी, ये महान आत्माऐं कौन है जो इस भयंकर और प्रचंड ताप में भी अपने काम में लगे हुऐ है?’
नारद जी :- ‘भगवन ये लोग कंस्ट्रक्शन लाईन के कर्मचारी *(सिविल इंजीनियर*)है। जो 50 डिग्री तापमान मे बिना कूलर पॅखे के भी काम करते हैं।
भगवान:- ‘नारद जी आप इनको स्वर्ग मे ले लो।’
नारद जी :- ‘भगवन इन्हें स्वर्ग की कोई इच्छा नहीं है। इन्हें तो बस *SALARY* समय से दिलवा दो , और महीने में एक आदि *छुट्टी*, बस इतना ही इनके लिए स्वर्ग के समान है ।
एक दिन भगवान विष्णु भ्रमण पर निकले
वहां 48 - 49 डिग्री की गर्मी से लोग झुलस रहे थे और पसीने में तरबतर अपने पूरे मनोयोग से काम में लगे हुये थे।
भगवान ने बडे ही अचरज से पूछा:-
‘नारद जी, ये महान आत्माऐं कौन है जो इस भयंकर और प्रचंड ताप में भी अपने काम में लगे हुऐ है?’
नारद जी :- ‘भगवन ये लोग कंस्ट्रक्शन लाईन के कर्मचारी *(सिविल इंजीनियर*)है। जो 50 डिग्री तापमान मे बिना कूलर पॅखे के भी काम करते हैं।
भगवान:- ‘नारद जी आप इनको स्वर्ग मे ले लो।’
नारद जी :- ‘भगवन इन्हें स्वर्ग की कोई इच्छा नहीं है। इन्हें तो बस *SALARY* समय से दिलवा दो , और महीने में एक आदि *छुट्टी*, बस इतना ही इनके लिए स्वर्ग के समान है ।
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